Radhadesh, Belgium, March 24, 2024, midnight

हर शाम को उसे दफना आता हूँ, फिर सुबह कब्र से उठा लाता हूँ !

इधर एक आस है जो बुझती नहीं, उधर एक लौ है जो जलती नहीं !!

~ निराश

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