छत पे

Almere, NLD, Oct. 6, 2025, 11:26 p.m.

गुज़ारिश है कि तुम रोज़, रात को छत पे आया करो,
कि चाँद में तेरा अक्स देखकर ही, गुज़ारा होता है मेरा !

~ निराश


" उनकी ज़िद "
Almere, NLD, Oct. 6, 2025, 4:27 p.m.

सुना है कि वो ज़िद्दी हैं बहुत,
काश उनकी ये ज़िद, मुझसे मोहब्बत की भी होती !

~ निराश


कारवां

Almere, NLD, Sept. 30, 2025, 4:30 a.m.

बहुत ज़लील कर लिया तूने, ऐ ज़िंदगी अब तक,
रुकेगी नहीं ये कारवां, अब तेरे सँवरने तक!

~ निराश


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"हाथों की लकीरें "

Muzaffarpur Bihar India, April 9, 2025, 4 p.m.

पूछा जो ख़ुदा से, क्यों हाथों की लकीरें पूरी नहीं खींचीं!
कहा उसने — तेरी कहानी अभी पूरी नहीं लिखी!!
कर रहा था मैं तेरी ख़्वाहिशें पूरी,
पर तेरी रूह ने ही तेरे हाथ खींच ली!
दिया तो था एक और मौका तुझे,
पर तेरे अपनों ने ही उस पर तेरी बर्बादी खींच दी!!

~ निराश


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निकम्मा

Muzaffarpur Bihar India, April 8, 2025, 7 p.m.

सुना था ग़ालिब से कि इश्क़ ने निकम्मा कर दिया,
पर पता चला आज कि हम भी आदमी थे कुछ काम के।

इश्क़ ने जो छीना, वो भी इक दौलत ही थी शायद,
लुटा के बैठे हैं अब पनघट पे, वो भी बिन नाव के।

हमने चाहा डूबना भी हो सलीके से,
पर दरिया ने पी लिया सारा पानी, रह गए हम बिन बहाव के।

सुना था ग़ालिब से कि इश्क़ ने निकम्मा कर दिया,
पर पता चला आज कि हम भी आदमी थे कुछ काम के।

~ निराश


'इश्क़ की आग'

Muzaffarpur Bihar India, April 8, 2025, 6:45 p.m.

हर रात चुपचाप लिपट जाती है तन्हाइयों से,
कोई इन अंधेरों में उजाले का नक्शा बनवा दो!
दिल जो टुकड़ों में बँटा है अब रूह से भी ज्यादा,
कोई इन बिखरे हिस्सों को फिर से सिलवा दो!!

पागल से हो गए हैं हम उनके इश्क़ में,
पर कोई इश्क़ की मुहर तो लगवा दो!
कहा ज़िंदा हैं हम उनके बग़ैर,
अब तो कोई मेरे मरने की सनद दिलवा दो!!

अब इश्क़ से नहीं, खुद से शिकवा है ज़्यादा,
कोई हमारी मोहब्बत को भी मुकम्मल बनवा दो!
इतना आसान नहीं है हर रोज़ मरना यारो,
अब तो कोई इस मोहब्बत की चिता को हवा लगवा दो!!

~ निराश


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ज़हर

Muzaffarpur Bihar India, April 8, 2025, 6 p.m.

पिया था ज़हर बरसों पहले दवा समझकर,
अब तो कोई इसकी असर कम करवा दो!
टूट चुके हैं अब तो काँटों की चुभन से,
कोई हमें उसकी यादों से अलग करवा दो!
हमने इश्क़ को इबादत समझा था कभी,
खुदा,अब तो मुझे इस मजहब से अलग करवा दो!

~ निराश


Life

Pune, India, Jan. 24, 2025, 4 p.m.

'Life' is a journey that takes you to a destination called 'Life'.

~ Vijay Sinha


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"लकीरें"

Pune, India, Dec. 21, 2024, 3:45 p.m.

ढूंढ़ता रहा उसे जो कभी था ही नहीं !
आज उस ‘आस’ को छूटते देख रहा हूँ !!

करता रहा गलतियां बार बार, हर बार !
आज उस ‘काश’ को डूबते देख रहा हूँ !!

दुआ मांगता रहा मस्जिदों में, मंदिरों में
आज उस ‘विश्वास’ को उठते देख रहा हूँ !!


अर्पण करता रहा फूल उनके सर माथे पे !
आज उन फूलों को बिखरते देख रहा हूँ !!

देखता रहा सदियों से सुनहरे सपनें !
आज उन सपनों को टूटते देख रहा हूँ !!

खींचता रहा लकीरें, ठहरे पानी में !
आज उन लकीरों को मिटते देख रहा हूँ !!

~ निराश


सजदा

Pune, India, Nov. 21, 2024, 2:40 a.m.

मेरा हाल मत पूछ ऐ मेरे हमदम, यूं कहर बरपा के !
नींद छीन लिए, चैन उड़ा दिए, यूं दिल धड़का के !!  
कसीदे पढ़े, सजदा भी किये, अब जाऊ
और
कहाँ यूं दिल लगा के !
आंखिया बरसे, आगोश को तरसे, क्या मिला तुझे यूं मुझे तड़पा के !!

 

~ निराश


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दस्तक

Radhadesh, Belgium, Oct. 31, 2024, 8:57 a.m.

वो दस्तक देकर खामोश हो गए और हम उनकी आहट को तरसते रहे !
इंतजार हैं हमें खत के जबाब का और वो अँखियाँ मीचे मुस्कुराते रहे !!

~ निराश


दीदार-ए-खुदा 

Radhadesh, Belgium, Oct. 30, 2024, 4:22 a.m.

मत पूछ मेरा हाल ऐ खुदा, तेरे दर पे रोज़ सर पटकता हूँ!
छुपा है कहाँ अब आ भी जा, तेरे दीदार को रोज़ तरसता हूँ!!

~ निराश


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चांदनी

Radhadesh, Belgium, Oct. 17, 2024, 9:37 a.m.

कल रात चाँद देखा, पूछा मेरी चांदनी कब दोगे?
सुबह उठा, उनका पैगाम सिरहाने के करीब था!

~ निराश


Radhadesh, Belgium, July 23, 2024, 7:14 p.m.

निराश में वो आश है, जो दिल के पास है !
वरना, जिन्दगी में रखा ही क्या खास है !!  

~ निराश


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Radhadesh, Belgium, July 3, 2024, 2:15 a.m.

जिंदगी उसके नाम कर दूँ, गर कोई अपनाने वाला हो !
पीके ज़हर कुर्बान कर दूँ, गर कोई दफ़नाने वाला हो !!

~ निराश


Pune, India, June 27, 2024, 9:25 a.m.

न दौलत में, न सूरत में, मोहब्बत तो छिपा है इंसानो की सीरत में !
ये पनपता नहीं किसी की शर्तों में, रुकता नहीं किसी की बंदिशों में !!

~ निराश


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Pune, India, June 26, 2024, 4:21 p.m.

हर दूरियां मिट जाती है, जब दिल करीब होते है !
वरना एक छत के नीचे भी लोग अनजान होते हैं !!

~ निराश


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Muzaaffarpur, India, June 10, 2024, 6 p.m.

सजदा किया जिनके अश्कों पे, उनका हर अंदाज काफिराना निकला !
हम भींगते रहें उनके आंसुओं से, जिनकी सोहबत झूठों का अम्बार निकला !!

~ निराश


Radhadesh, Belgium, April 17, 2024, 6:29 p.m.

"Reconstructing is much tougher than creating, whether in life or elsewhere."

~ Vijay Sinha


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Radhadesh, Belgium, April 17, 2024, 6:21 p.m.

"Marriage is an endeavor that requires an 'entrepreneurial' attitude."

~ Vijay Sinha


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Radhadesh, Belgium, April 16, 2024, 1:30 a.m.

"Often; blaming others is an artifice act of self."

~ Vijay Sinha


Radhadesh, Belgium, April 12, 2024, 4:11 p.m.

"Work hard, but smartly!"

~ Vijay Sinha


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Radhadesh, Belgium, April 10, 2024, 2 a.m.

वो कहते हैं, खुद को जान लो, मुड़ के देखा पर जान न सका !
अब दोष क्या दूँ आईने को, वो भी तो मुझे पहचान न सका !!

~ निराश


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"ख्वाब"

Radhadesh, Belgium, March 24, 2024, midnight

शायद खुद को दफनाना आसान होता, कुछ अरमानो की जगह  !

खुदा भी नुका-छिपी खेल रहा है,  अपने इरादे बताने की जगह !!

सदियों से ढूंढ रहा हूँ उसे हर चेहरे में, अनजाने पागल की तरह !

ऐ खुदा अब तो बना दे उसे मेरे लिए,  मुझे ही मिटाने की जगह !!

~ निराश


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Radhadesh, Belgium, March 24, 2024, midnight

हर शाम को उसे दफना आता हूँ, फिर सुबह कब्र से उठा लाता हूँ !

इधर एक आस है जो बुझती नहीं, उधर एक लौ है जो जलती नहीं !!

~ निराश


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The Netherlands, May 17, 2023, 2:26 p.m.

रोक नहीं सकता सैलाब कश्ती को, डर है बस खुदा के रूठ जाने का!

~ निराश


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"Friendship"

San Raman, USA, Sept. 16, 2011, 8:55 p.m.

दोस्ती नाम का इमान रखना, किया है जो वादा, ख्याल रखना !
मिली दोस्ती की इस धरोहर को, हर कीमत पर बचाये रखना !!
चाहे  ख़ुशी हो या गम, हमेशा दोस्ती का साथ  निभाये  रखना !
लाखों दोस्त मिलें तुम्हें, पर इस दोस्ती का मशाल जलाये रखना !!

~ निराश